भारत एक विकसित राष्ट्र तो नही बन पाया, à

भारत एक विकसित राष्ट्र तो नही बन पाया, परन्तु एक जातिगत राष्ट्र जरुर बन जायेगा। अफसोस का विषय है कि हमारे तमाम राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ जातिगत राजनीति में लिप्त हैं। 21वीं सदी में भी यदि भारत जातिगत राजनीति में फंसा रहा तो यह तो तय है कि हमारी माननीय संसद में विकास कार्यक्रमों की चर्चा के स्थान पर जातिगत हमले, विभिन्न जातियों को लुभाने वाली योजना, विभिन्न जातियों एवं धर्मो से वोट प्राप्त करने की योजनाएं इत्यादि अवश्य चर्चा में होगी और सभी राजनीतिक दल इस प्रकार की चर्चाओं में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जरुर कर रहे होंगे।

यदि विकास की बात करनी है तो कारोबार एवं कारोबारियों की बात किजिए, विकास की बात स्वत: हो जायेगी।  

आपके सुझाव आमंत्रित हैं ।

IBP